नई दिल्ली। बदलते जमाने के साथ-साथ दूरदर्शन भी बड़े बदलाव में जुट गया है. दूरदर्शन समाचार से लेकर, कार्यक्रमों के प्रस्तुतिकरण उसके कंटेंट को लेकर प्रसार भारती इन दिनों विशेषज्ञों के साथ जुटा है.
इस बीच, लंबे समय से दूरदर्शन की पहचान बन चुके उसके खास ‘लोगो’ को भी बदलने की कवायद शुरू कर दी गई है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि अपने सबसे पुराने दूरदर्शन चैनल के लिए लोगों का आकर्षण बढ़े इसके लिए ‘लोगो’ डिजाइन में जन-सहभागिता को अपनाया गया है.
पांच दशक से ज्यादा, 58 साल पुराने दूरदर्शन के इस खास चिन्ह में नयापन देने वाले और प्रतियोगिता में विजय होने वाले को बतौर पुरस्कार राशि एक लाख रुपए नगद रखी गई है. अब तक की यह सबसे बड़ी राशि मानी जा रही है. इससे पहले स्वच्छता अभियान के लोगो डिजाइन करने वाले प्रतियोगिता में विजय होने वाले कोल्हापुर के अनंत खसबरदर को प्रधानमंत्री ने 50 हजार रुपए का नगद ईनाम दिया था.
इस लिहाज से दूरदर्शन लोगो डिजाइन करने वाली प्रतियोगिता में विजेता को दोगुनी रकम बतौर पुरस्कार दी जाएगी. डीडी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि दूरदर्शन के लोगो से सालों पुरानी यादें जुड़ी हैं. प्राइवेट चैनलों के कम्पटीशन के चलते युवाओं की एक नई पीढ़ी को इससे जुड़ने की जरूरत है.
इसीलिए भारत के युवा को डीडी से जोड़ने के लिए चैनल नया लोगो लाना चाहता है. डीडी ने आगे कहा है कहा है कि डीडी सभी भारतीयों को नए लोगो डिजाइन कम्पटीशन के लिए आमंत्रित करता है. कम्पटीशन में भाग लेने के लिए आपको 13 अगस्त 2017 तक आवेदन आप कर सकते है. किसी एक शख्स या फिर एक संस्थान के लिए एक ही एंट्री मान्य होगी.
गौरतलब है दूरदर्शन का लोगो लंबे समय से कई लोगों के जहन में बसा है. महाभारत, रामायण, मालगुडी डेज, शक्तिमान और न जाने कितने ही शोप-ओपेरा कार्यक्रमों से देशभर में कई लोगों की यादें डीडी चैनल से जुड़ी हैं.
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