नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी में अब मोदी सरकार के विरोध में स्वर उठने लगे हैं. पहले यशवंत सिंहा और अब वायपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे अरूण शौरी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में अरूण शौरी ने कहा कि नोटबंदी काले धन को सफेद करने की सरकार की बड़ी स्कीम थी, जिसके पास भी काला धन था उसने नोटबंदी में उसे सफेद कर लिया. उन्होंने ये भी कहा कि बड़े आर्थिक फैसले सिर्फ ढाई लोग लेते हैं, पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और घर के वकील, उनका इशारा वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर है.
शौरी ने इंटरव्यू में कहा कि सरकार का केवल नए खुलासों पर जोर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रात को कहा कि नोटबंदी होनी चाहिए. ये एक साहसिक कदम था. ये ध्यान रखिए कि खुदकुशी करना भी एक साहसी कदम होता है.
अरुण शौरी ने कहा, ”नोटबंदी काले धन को सफेद करने के लिए सरकार की ओर से चलाई गई सबसे बड़ी स्कीम थी. जिसके पास भी काला धन था उसने सफेद कर लिया. RBI ने कहा कि नोटबंदी के बाद 99 फीसद पुराने नोट वापस आ गए, मतलब साफ है कि नोटबंदी से काला धन नष्ट नहीं हुआ.”
जीएसटी पर अरुण शौरी ने कहा, ”जीएसटी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए बड़ा कदम था लेकिन इसे ठीक से लागू नहीं किया गया. तीन महीने के अंदर सात बार नियम बदले गए. आर्थिक नीति को लेकर बड़े फैसले एक चैंबर में बैठकर सिर्फ ढाई लोग ले रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और घर के एक” घर के एक वकील से अरुण शौरी का इशारा वित्त मंत्री जेटली की ओर था.
अरुण शौरी 1999-2004 के बीच वाजपेयी सरकार में विनिवेश मंत्री रहे. BALCO पहली सरकारी कंपनी थी जिसका शौरी के कार्यकाल में विनिवेश हुआ. देश के पहले और आखिरी विनिवेश मंत्री रहे, अभी ये विभाग वित्त मंत्री के पास होता है. साल 1998-2004, 2004-2010 दो बार राज्यसभा के सांसद रहे. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के संपादक भी रहे हैं.
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