दलित दूल्हा दर्शन न करे, इसलिए मंदिर के दरवाजे बंद किए; जान से मारने की भी कोशिश

इंदौर (मध्यप्रदेश)। शहर के मांगलिया के पास टोड़ी गांव में एक दलित दूल्हे को मंदिर में दर्शन नहीं करने दिया. दरअसल, शादी की रस्म के दौरान वह मंदिर में पूजन के लिए जाना चाहता था. कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए. तलवार से हमले की कोशिश भी की गई. बैंड बंद करा दिया गया. बाद में पुलिस और समाज के लोगों ने पहुंचकर दूल्हे को मंदिर के दर्शन कराए. इस मामले में पुलिस ने दो भाइयों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है.

मांगलिया पुलिस के अनुसार, मंगलवार रात 10 बजे ग्राम टोड़ी में रहने वाले बीकॉम के छात्र और दूल्हा शुभम परमार मंदिर में जाना चाहते थे. उसकी बारात सोनकच्छ जाने वाली थी, तभी किसी ने गांव के राम मंदिर का कपाट बंद कर दिया. इस पर बारातियों ने आपत्ति जताई.

परिवार ने कहा- लोगों ने जानबूझकर ऐसा किया
दूल्हे के परिवार का आरोप था कि दलित की बारात होने के कारण कुछ लोगों ने जानबूझकर ऐसा किया. वहां विवाद होने लगा, तभी गांव के दो युवक राहुल और दिलीप पंवार पहुंचे. उन्होंने तलवार लहराई. शुभम को भी मारने का प्रयास किया. बारातियों ने बीच-बचाव कर आरोपियों को हटाया. कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी.

दूल्हे का आरोप- पुलिस चौकी प्रभारी बोले, दूर से कर लो दर्शन
मांगलिया चौकी प्रभारी विश्वनाथ सिंह तोमर ने पहुंचकर विवाद सुलझाया तो आरोपी वहां से भाग गए. दूल्हे का कहना है कि प्रभारी तोमर ने दूर से मंदिर दर्शन करने को कहा. इस पर बारातियों ने इंदौर में रहने वाले समाज के कुछ वरिष्ठों को बुलाया. उन्होंने प्रभारी के सामने मंदिर के पट खुलवाए और दर्शन करवाए. दूल्हे पक्ष का आरोप है कि जब शिकायत की तो पुलिस ने आरोपी की तलवार जब्त करने के बजाय आचार संहिता का हवाला देकर ढोलक बंद करा दी. हमने एसडीएम की परमिशन दिखाई तो ढोलक वाले को छोड़ा गया. देर रात दूल्हे ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.

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