बेटी को घोड़ी पर बैठाकर विदा करने वाले दलित पिता को मिल रही हैं धमकियां

जालोर. राजस्थान के जालोर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के मांडवला गांव में एक दलित की  बेटी की शादी पर बंदोली निकालने (गांव में घूमाना) व घोड़ी पर तोरण मारने की रस्म निभाने पर कुछ लोगों ने उसे धमकाना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं लोगों ने फोन और सोशल मीडिया पर अपमान जनक कमेंट्स भी कर रहे हैं, वहीं दलित की छोटी बेटी को उठाने की भी धमकी दी जा रही है.

ऐसे में पीड़ित ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक से मिलकर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है. इसके बाद पुलिस अधीक्षक के आदेश पर कोतवाली थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया है. कोतवाली थाना प्रभारी चम्पाराम ने बताया कि मांडवला निवासी भगवानाराम मांडवला ने रिपोर्ट दी कि 25 नवंबर को मेरी बेटी की शादी के दौरान बंदोली एवं तोरण की रस्म घोड़ी पर बैठाकर पूरी की गई थी.

इसके बाद शादी की इस रस्म के फोटो सोशल मीडिया पर आने के बाद कुछ अज्ञात लोगों की ओर से लगातार उन्हें जातिसूचक गालियों से अपमानित करने के साथ-साथ जान से मारने की धमकियां भी दे रहे हैं. वहीं वाट्सएप पर लिखित व ऑडियो रिकॉर्ड भी भेजकर धमकाया जा रहा है. पुलिस ने रिपोर्ट पर प्रकरण कर अनुसंधान किया.

भगवानाराम मांडवला ने बताया कि शादी से पहले वह कितने ही घोड़ी वालों के पास गए लेकिन जाति पता चलने पर उन्होंने घोड़ी देने से मना कर दिया. बाद में एक मुस्लिम मित्र ने उस घोड़ी दे दी जिसके बाद लड़की की शादी बिना किसी व्यवधान के हो गया. लेकिन मैंने शादी के बाद जब बेटी की फोटों सोशल मीडिया पर शेयर की तो असामाजिक तत्वों द्वारा मुझे धमकियां दी गई. लोग अब वट्सएप से ऑडियो क्लिपिंग के माध्यम से भी मुझ पर जातिगत टिप्पणियां कर रहे हैं और मुझे और मेरे बेटे का अपहरण कर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.

भगवानाराम ने कुछ साथियों से राय लेकर जालोर जिला के पुलिस अधीक्षक को शिकायत की. जिसके बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 506 और एससी/एसटी एक्ट 3(1)(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. लेकिन आरोपी अभी तक उनको धमकियां दे रहे हैं. इन धमकियों और पुलिस की कामचोरी से परेशान होकर भगवानाराम ने राजस्थान के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को शिकायत पत्र लिखा है.

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