पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक ओर परिवार के सदस्यों पर सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग बेनामी संपत्ति व भ्रष्टाचार मामले में शिकंजा कस रहा है, वहीं अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी लालू प्रसाद यादव एवं उनकी पत्नी राबड़ी देवी को एयरपोर्ट पर दिये विशेषाधिकार को वापस ले लिया.
दोनों नेताओं को बिहार का पूर्व मुख्यमंत्री होने के कारण अब तक पटना हवाई अड्डे पर सीधे पहुंचने के लिए ‘विशेषाधिकार’ प्राप्त था, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा. नागरिक उड्डयन मंत्रालय की इस कार्रवाई के बाद अब लालू प्रसाद और राबड़ी देवी को पटना एयरपोर्ट के ‘टारमैक’ तक जाने के लिए आम लोगों की तरह सुरक्षा जांच के बीच से गुजरना होगा. यानी एयरपोर्ट पर उन्हें एक वीवीआइपी होने का लाभ नहीं मिलेगा.
इनकम टैक्स ने 16 मई को सुबह लालू प्रसाद यादव के 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी. यह छापे बेनामी संपत्ति के मामले में मारे गए हैं. इनकम टैक्स ने सुबह 8.30 बजे से छापेमारी कर रही थी. इनकम टैक्स ने दिल्ली, गुड़गांव के इलाकों में छापेमारी की, इस दौरान लगभग 1000 करोड़ की संपत्ति पर छापेमारी की गई थी. जिसके बाद मीसा भारती से घंटो पूछताछ भी की गई थी.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती भी कई आरोपों में घिरी हुई है. उनके पति के सीईओ राजेश पर शेल कंपनियो के जरिए काले से सफेद धन करने का आरोप है. इसमें कई कंपनियों के जरिए काला धन घुमाया जाता था. वहीं पैसों को काले से सफेद करने के बदले कमीशन लिया जाता था. लालू के दामाद शैलेश और बेटी मीसा की कंपनी मिशेल को भी शेल कंपनियों के जरिए पैसा दिलाया था. इसके तहत 90 लाख रुपये की रकम राजेश अग्रवाल ने शेल कंपनियो में नगद जमा कराई थी.
इससे पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव को फिर से तगड़ा झटका लगा है. आवंटित पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था. भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड ने साल 2011 में तेज प्रताप यादव को पटना के बाईपास इलाके में पेट्रोल पंप चलाने का लाइसेंस दिया था.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।