नई दिल्ली। GST के लागू होते ही बाजारों में इसका गहरा प्रभाव दिखना शुरू हो गया है. दिल्ली के चावड़ी बाजार, सदर और चांदनी चौक मार्केट से इन दिनों बाहरी खरीदार बिल्कुल गायब हैं. इससे स्थानीय कारोबारियों की परेशानी बढ़ गयी हैं. कारोबारियों का कहना है कि मार्केट में रिटेल का ग्राहक तो है, लेकिन थोक बाजार में ग्राहक नहीं आ रहे हैं. दूसरी तरफ कच्चे बिल की वजह से कस्टमर को अभी तक कम रेट चुकाने के रूप में जो लाभ मिल था, उस पर भी काफी हद तक लगाम लग गई है.
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जनरल सेक्रेटरी विजय प्रकाश बताते हैं की दिल्ली के थोक बाजारों में 90 फीसदी कारोबार ठप है. माल का कोई खरीदार नहीं है. जीएसटी की जटिलता के कारण ट्रांसपोर्टर्स भी माल नहीं बुक रहे हैं. उनका कहना है कि जीएसटी इतना आसान नहीं है जितना बताया गया था. हमसे कहा गया था कि नई टैक्स व्यवस्था पारदर्शी और आसान होगी, लेकिन अब पूरी प्रक्रिया जटिल हो गई है. उन्होंने बताया कि कपड़ा कारोबारियों ने तो अभी तक GST रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया है. दिल्ली में करीब 5 लाख छोटे-बड़े कारोबारी हैं और यहां रोजाना का 1,500 करोड़ रुपये का बिजनेस होता है.
चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के जनरल सेक्रेटरी संजय भार्गव के मुताबिक थोक मार्केट में सन्नाटा है. कस्टमर बिल्कुल नहीं हैं. भार्गव का कहना है कि कारोबारियों को जीएसटी के ढांच को समझने में दिक्कत हो रही है.यह नया नियम पूरे भारत पर भारी पड़ रहा है जिसका नुकसान व्यापारियों के साथ-साथ आम जनता को भी हो रहा है.
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