नदी में मिली ढाई हजार साल पुरानी तथागत बुद्ध की अष्टधातु प्रतिमा

Tathagat Bauddh

सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर जिले में तथागत बुद्ध की अष्टधातु प्रतिमा मिली है. बताया जा रहा है यह प्रतिम लगभग ढाई हजार साल पुरानी है. यह मूर्ति छठ घाट की साफ सफाई के दौरान जमुआर नदी से मिली है. अष्टधातु की इस मूर्ति की कीमत तकरीबन 10 करोड़ आंकी गई है.

दरअसल, रविवार की दोपहर नगर पालिका अध्यक्ष मो. जमील सिदृदीकी जमुआर नदी पर बने छठ घाट की सफाई करवा रहे थे. सफाई के दौरान मजदूर जब नदी में घुस कर उनके किनारों को साफ करने लगे तो उन्हें यह मूर्ति मिली. जमील सिदृदीकी ने मूर्ति देखा तो वह चौंक पड़े. वह बुद्ध की दो फीट उंची मूर्ति थी और काफी वजनी थी. उन्हें मूति की प्राचीनता और महत्व का अहसास हुआ तो फौरन इसकी खबर प्रशासन को दी गई.

प्रशासनिक अमला घाट पर पहुंच गया. अनुमान है कि मूर्ति नदी में बह कर आई होगी. जिले में गौतम बुद्ध के पिता की राजधानी प्राचीन कपिलवस्तु नदी से जुड़ी है. कपिलवस्तु बजहासागर के पास है. बजहासागर का पानी जमुआर नदी में गिरता है. इसलिए संभव है कि बुद्ध के पुरातात्विक क्षेत्र से मूर्ति नदी में बह कर यहां तक चली आई हो.

फिलहाल पुलिस विभाग ने इसे अष्टधातु की मूर्ति बताते हुए इसकी कीमत दस करोड़ आंका है. और इसके ढाई हजार साल तक पुरानी होने की संभावना बताई जा रही है. मूर्ति को देखने के लिए मौके पर हजारों की भीड़ थी. इस बारे में नगर पालिका अध्यक्ष मो. जीमल सिदृदीकी ने कहा है कि प्रतिमा महत्वपूर्ण है उसकी कलात्मकता देख कर बौद्ध काल के स्वर्णिम युग का इतिहास ताजा हो गया है.

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