नई दिल्ली। चुनाव चाहे कोई हो बहुजन समाज पार्टी इसकी तैयारी अपने विपक्षियों से पहले शुरू कर देती है. जहां तमाम दल अपनी रणनीति, घोषणा पत्र और प्रत्याशियों के बीच उलझे रहते हैं, बसपा ज्यादातर वक्त सबसे पहले प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर देती है. अब जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में काफी कम वक्त रह गया है, बसपा ने अपनी रणनीति तय कर ली है. खबर है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बसपा ने EBM फार्मूला तैयार किया है.
EBM यानी अति पिछड़ा, ब्राह्मण और मुस्लिम. दलितों के अलावा इन तीनों समाज के लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए बसपा प्रदेश भर में भाईचारा सम्मेलन करेगी. अभियान को सफल बनाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की कई टीमें बनाई गई हैं. पार्टी ने अपने इस अभियान की शुरुआत पीलीभीत से राजा सुहेलदेव राजभर की 1009वीं जयंती और रविदास जयंती से कर दी है. इन दोनों कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.
पार्टी सूत्रों के अनुसार बहुजन समाज पार्टी ने दलित वोटबैंक के साथ ही सर्वसमाज को जोड़ने के लिए मुहिम तेज कर दी है. इसमें सबसे ज्यादा ध्यान अति पिछड़ा वर्ग, ब्राह्मण और मुस्लिम वर्ग पर है. इसके लिए पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं की एक टीम बनाई है, जिसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर और विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा जैसे पिछड़े समाज के नेता पिछड़े वर्ग को पार्टी से जोड़ने के अभियान की अगुवाई करेंगे. तो वहीं ब्राह्मण समाज को जोड़ने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा कमान संभालेंगे. इनके अलावा मुस्लिम मतदाताओं को पार्टी के समर्थन में लाने की कमान राज्यसभा सांसद मुनकाद अली और नौशाद अली सहित अन्य मुस्लिम नेता संभालेंगे. अपने इस फार्मूले के जरिए बसपा 2019 में अपनी स्थिति बेहतर करने की तैयारियों में जुट गई है. वह कितना सफल होगी यह चुनाव के बाद आने वाला परिणाम बताएगा.
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