न्यायपालिका को लेकर बीजेपी पर भड़की मायावती

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लखनऊ। न्यायपालिका को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा सरकार की जमकर खिंचाई की. मायावती का कहना है कि सरकार न्यायपालिका को अपना काम स्वतंत्र रुप से करने दे. साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लोकतंत्र के महत्वपूर्ण स्तंभ न्यायपालिका को बार-बार अपमानित करने व उससे नीचा दिखाने की प्रवृत्ति की तीखी आलोचना की.

इनका मानना है कि केन्द्र सरकार का न्यायपालिका के साथ ऐसा विद्वेषपूर्ण बर्ताव सही नहीं है तथा प्रतिपक्षी पार्टियों के साथ-साथ देश की न्यायपालिका के प्रति भी यह केन्द्र सरकार की हठधर्मी व निरंकुशता का द्योतक है. केन्द्र सरकार का कानून मंत्रालय अगर ’’पोस्ट आफिस’’ (डाकघर) नहीं है तो उसे पुलिस थाना (कोतवाली) बनने का भी अधिकार कानून व संविधान ने नहीं दिया है. यह बात श्री नरेन्द्र मोदी सरकार को विनम्रता के साथ स्वीकार करनी चाहिये.

इसके अलावा जजों की नियुक्ति पर उन्होंने कहा कि पहले 300 से ज्यादा जजों के पदों को खाली लटकाये रखना और फिर उसके बाद 126 जजों की नियुक्ति करना यह कौन सा जनहित व देशहित का काम है? नीति-निर्धारण मामलों के साथ-साथ न्यायपालिका में भी दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गो व धार्मिक अल्पसंख्यकों का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण भी संविधान को उसकी सही जनहिताय की मंशा के अनुरूप देश में आज तक ढाला नहीं जा सका है. बीजेपी के मंत्रीगण अगर न्यायपालिका का पूरा-पूरा आदर-सम्मान नहीं कर सकते तो कम-से-कम उसका अपमान भी ना करें.

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1 COMMENT

  1. Bipaskh samjh rhahai mai akta k balpar bjp SE jeet jaaunga ye uski bhul hai abhi sachha khel ho rha hai jub lokdabha chunaaw pure desh me hoga to evm,vvpt apna rutba dikhayege aur bjp bahumat k pass hogi bipaskh aawaz lgta rhega ( bailat paper SE chunaaw hona chahiye )

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