बाबासाहेब के नाम पर राजनीति के खिलाफ बसपा प्रमुख मायावती ने खोला मोर्चा

लखनऊ। यूपी सरकार द्वारा बाबासाहेब के नाम को लेकर राजनीति करने पर बसपा प्रमुख कु. मायावती ने भाजपा को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने इसे बीजेपी की सस्ती और बनावटी राजनीति करार दिया है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने कहा कि बीजेपी व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ख़ासकर दलितों व पिछड़ों के वोट की ख़ातिर केवल सांकेतिक व दिखावटी काम करके सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहती है, जबकि बाबा साहेब के करोड़ों अनुयाइयों को देशभर में अन्याय, अत्याचार व शोषण का शिकार बनाया जा रहा है. साथ ही उनके संवैधानिक अधिकारों को एक-एक करके या तो छीना जा रहा है या फिर उन्हें निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाया जा रहा है.

यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने इसे भाजपा का दलित कार्ड करार देते हुए कहा है कि-

डा. भीमराव अम्बेडकर आज से नहीं बल्कि उनके जीवनकाल से ही वे ’’बाबा साहेब डा. अम्बेडकर’’ के रूप में करोड़ो-करोड़ लोगों के दिल में बसते है. डा. अम्बेडकर के प्रति उनकी श्रद्धा व सम्मान इतना ज्यादा है कि लोग उन्हें उनके नाम से ज्यादा ’’बाबा साहेब’’ कहकर पुकारते हैं. बीजेपी एण्ड कम्पनी के लोगों को इससे उसी प्रकार से तकलीफ होती है जैसे मुझे लोगों द्वारा ’’बहनजी’’ कहकर सम्बोधित करने से उनके पेट में दर्द शुरु हो जाता है. उन्होंने सवाल उठाया कि यह सब उनकी जातिवादी मानसिकता नहीं तो और क्या है?

बाबासाहेब को लेकर राजनीति कर रही भाजपा की पोल खोलते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि-

वैसे तो बीजेपी व इनकी सरकार दलितों व पिछड़ों के वोट के स्वार्थ की खातिर, अपने दिलों पर पत्थर रखकर, आजकल बाबा साहेब डा. अम्बेडकर का नाम लेते रहते हैं और इनके नाम पर तरह-तरह की नाटकबाजी भी करते रहते हैं, परन्तु कोई उनसे पूछे कि बीजेपी व आर.एस.एस. एण्ड कम्पनी की राजनीति हमेशा ही बाबा साहेब के प्रति काफी जातिवादी व जहरीली क्यों रही है, जो कि आज भी उनके करोड़ों अनुयाइयों के प्रति लगातार जारी है.

उन्होंने यूपी सरकार के उस तर्क को भी खारिज किया कि बाबासाहेब अपने नाम में अक्सर रामजी लगाते थे. मायावती जी ने कहा कि बाबासाहेब अपना नाम ज्यादातर बी. आर. अम्बेडकर ही लिखा करते थे. इसी नाम से वे अधिकांश पत्र-व्यवहार करते थे और दिनांक 27 सितम्बर सन् 1951 को देश के पहले कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिये जो पत्र उन्होंने लिखा है, उसमें भी बी. आर. अम्बेडकर ही अंकित है.

भाजपा पर हमला बोलते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि बीजेपी एण्ड कम्पनी के लोगों की असली समस्या यह है कि उनके बीच से सर्वसमाज के लिये बाबसाहेब जैसा महापुरुष इतने वर्षों बाद भी सामने नहीं आ पाया है. इसमें किसी और की नहीं बल्कि स्वयं उनका ही दोष है.

भाजपा के इस कदम पर सवाल खड़ा करते हुए बीएसपी प्रमुख ने कहा है कि जिस प्रकार गाँधीजी को कोई उनके पूरे नाम “मोहनदास करमचन्द गाँधी” से सम्बोधित नहीं करता और खुद भाजपा वाले सरकारी विज्ञापनों आदि में श्री नरेन्द्र मोदी का पूरा नाम ’’नरेन्द्र दामोदरदास मोदी’’ नहीं लिखते हैं तो फिर बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के नाम पर स्वार्थ की राजनीति क्यों?

1 COMMENT

  1. बीजेपी की 2019 में सरकार में आने के बाद हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देगी बाबा साहेब के नाम में रामजी जोड़ना बीजेपी आरएसएस की सोची समझी चाल ताकि जो sc st तथा obc का बहुजन समाज 2019 में साथ दे
    इस पोस्ट को भी पड़ सकते हैउजाले की ओर Part 1….

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