दलित सांसद धरने पर बैठा, भाजपा ने गाय के गोबर और गंगाजल से किया शुद्धिकरण

शुद्धिकरण

नई दिल्ली। समाज की पुरानी और दकियानूसी सोच को बदलने का जिम्मा नेताओं पर ही होता है. लेकिन जब देश को चलाने वाले नेता की सोच मे ही गरीबी हो तो समाज का भला क्या होगा. पिछले दिनों जिस तरह से केरल में भाजपा नेताओं ने हरकत की है वो वाकई समाज को शर्मसार कर देने वाली है.

दरअसल, स्थानीय नेता राजेश्वरी राजेंद्रन के नेतृत्व में भाजपा महिला मोर्चा की एक कार्यकर्ता ने गाय के गोबर और गंगाजल से कोलम जिले के कोट्टाराक्कारा की एक जगह का शुद्धिकरण किया. इस जगह पर कांग्रेस सांसद कोडिकुनिल सुरेश ने 24 घंटे की भूख हड़ताल की थी. 11 अक्टूबर को सुरेश ने यह भूख हड़ताल रेलवे गेज-रूपांतरण परियोजना में देरी होने के कारण किया था. कोडिकुनिल सुरेश एक दलित सासंद हैं.

कांग्रेस की कोट्टाराक्कारा यूनिट ने इस घटना के एक दिन बाद 12 अक्टूबर को अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाया है. लगातार छह बार लोकसभा सांसद रहने वाले सुरेश लॉ ग्रेजुएट हैं और 1980 के दशक में यूथ कांग्रेस के नेता बने. वह विरोध स्थल से लगभग 50 किलोमीटर दूर मवेलिककर सीट से सांसद हैं.

कोट्टाराक्कारा के एक कांग्रेसी पार्षद नेल्सन थोमस ने कहा कि पार्टी दलित नेता के खिलाफ ऐसे “अत्याचार” को बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने आगे कहा कि यह भाजपा की जातिवादी मानसिकता को दर्शाता है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा के “शुद्धिकरण” के खिलाफ भूख हड़ताल वाली जगह पर दूध छिड़क दिया. थोमस ने कहा कि दूध शुद्धता का प्रतीक है, गोबर नहीं. हमारे विरोध का मतलब है कि भाजपा की जातिवादी राजनीति केरल में काम न करे.

थोमस ने कहा कि सुरेश केवल कोल्लम-चेनगोट्टई रेलवे लिंक परियोजना में देरी होने का विरोध कर रहे थे. उनकी मांग थी कि परियोजना बिना किसी देरी के पूरी की जाए जिससे की स्थानीय लोगों की यात्रा में सुविधा हो सकें.

राज्य कांग्रेस के महासचिव जोसेफ वाखक्कन ने कहा है कि भाजपा की नीति “दलितों और निचले तबको के खिलाफ है.” यह एक सम्मानित दलित नेता पर हमला है. जिसे लोगों ने कई बार चुना है. हम इस मुद्दे को उच्च स्तर पर लेकर जाएंगे.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पंडलम सुधाकरन ने कहा कि यह घटना भाजपा की सांस्कृतिक मानसिकता को दर्शाता है. सुधाकरन ने राज्य सरकार से भाजपा महिला मोर्चा के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की हैं. उन्होंने कहा कि यह दलित समुदाय को अपमानित करने और संसद का अपमान करने जैसा ही है. सुरेश एक लोकसभा सांसद है.

भाजपा ने “शुद्धिकरण” से इंकार नहीं किया है लेकिन सांसद सुरेश को ही आरोपी बनाया. कोल्लम भाजपा अध्यक्ष जी गोपीनाथ ने कहा कि वह (सुरेश) एनडीए सरकार द्वारा केरल और जिले को देने वाले अनुदान से बनने वाली परियोजना का श्रेय लेना चाहते हैं. सुरेश अक्सर विरोध प्रदर्शन शुरू करते हैं और परियोजनाओं के लिए श्रेय लेते हैं.

अब आप ही सोचिए एक दलित सांसद के साथ भाजपा इस तरह के जातिगत भेदभाव कर सकती है तो आम दलित लोगों के प्रति उनका क्या रवैया होता होगा?

 

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