लखनऊ। पार्टी के दबाव और वोट के लालच में भाजपा के नेता भले ही दलितों की चौखट लांघने को तैयार हो जा रहे हैं, उनके भीतर का ‘जातिवाद’ अब भी मौजूद है. यूपी में दलितों के घर एडवेंचर करने पहुंच रहे सरकार के मंत्री दलितों के घर तो चले जा रहे हैं, लेकिन दलितों के घर का खाना उनकी हलक के नीचे नहीं उतर रहा है.
योगी सरकार में राज्य मंत्री सुरेश राणा मंगलवार को जब अलीगढ़ में एक दलित के घर खाना खाने पहुंचे. लेकिन वहां पहुंच कर उन्होंने लाव-लश्कर के साथ होटल से मंगाया हुआ खाना खाया. मंत्री अलीगढ़ की तहसील खैर इलाके में जब खाना खाने पहुंचे तो उन्होंने वहां सलाद, दाल-मखनी, छोले-चावल, पालक-पनीर, उड़द की दाल, मिक्स वेज, रायता, तंदूरी रोटी के अलावा मिठाई में गुलाब-जामुन, कॉफी और मिनरल वाटर का लुत्फ उठाया. इतना ही नहीं बीजेपी की ओर से कोशिश है कि सरकार के मंत्री दलित के घर ही रात गुजारें और खाना वहां पर खाएं. लेकिन, सुरेश राणा दलित के घर पर रुकने की बजाय सामुदायिक केंद्र में रुके जहां उनके आराम के लिए पूरा इंतजाम किया गया था.
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी भी निशाने पर रह चुके हैं. योगी आदित्यनाथ ने भी प्रदेश के प्रतापगढ़ इलाके में दलित परिवार के घर जाकर खाना खाया था. लेकिन वहां योगी के लिए उन्हीं की मंत्री स्वाति सिंह रोटी सेकती देखी गईं.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।