इस राज्य में एक वोट से राज्यसभा चुनाव हारी भाजपा

झारखण्ड। भाजपा के लीगल सेल के संयोजक अजय साहू ने बताया कि दूसरी सीट पर धीरज प्रसाद साहू को 26 वोट मिले, जबकि प्रदीप सोंथालिया को 25 पहले प्राथमिक वोट हासिल हुए. ओरन के अतिरिक्त वोटों के कारण सोंथालिया के खाते में 25.99 वोट हो गए थे. यानी कि वह जीत से 0.1 वोट पीछे थे.

राज्यसभा चुनाव में भले ही 12 सीटें जीत कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसद के उच्च सदन में सबसे बड़ी पार्टी बन गई हो. लेकिन झारखंड में पार्टी का विकास रथ .01 वोट से पीछे रह गया. यह बात अपनी हार मान लेने वाले कांग्रेस उम्मीदवार को भाजपा के विधायक ने बताई थी. आपको बता दें कि शुक्रवार को कुल 17 राज्यों में राज्यसभा के चुनाव हुए थे. 10 में से 33 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए, जबकि बाकी के सात राज्यों की 26 राज्यसभा सीटों पर मतदान हुआ. इन सीटों में से 12 पर कमल खिला. उत्तर प्रदेश के सभी उम्मदीवारों के हाथ जीत लगी है. अब उच्च सदन में भाजपा के 73 सांसद है, जिससे वह यहां सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.

हुआ यूं कि शुक्रवार को भाजपा के समीर ओरन और कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू ने झारखंड की दो राज्यसभा सीटों पर जीत हासिल की. ओरन ने 27 वोटों से आसानी से जीत हासिल की, जबकि भाजपा के अन्य उम्मीदवार प्रदीप कुमार सोंथालिया चुनाव हार गए. चुनाव अधिकारियों ने दो वोटों को अमान्य ठहरा दिया था. ऐसे में चुनाव के जीत के आंकड़े 80 के बजाय 78 पर तय होने थे.

भाजपा के लीगल सेल के संयोजक अजय साहू ने बताया कि दूसरी सीट पर धीरज प्रसाद साहू को 26 वोट मिले, जबकि प्रदीप सोंथालिया को 25 पहले प्राथमिक वोट हासिल हुए. ओरन के अतिरिक्त वोटों के कारण सोंथालिया के खाते में 25.99 वोट हो गए थे. यानी कि वह जीत से .01 वोट पीछे थे. चुनाव में एनडीए खेमा 52 प्राथमिक वोट हासिल करने में कामयाब रहा, जिसमें चार छोटे दलों के विधायक थे. इसके अलावा झारखंड से विकास मोर्च (प्रजातांत्रिक) के विधायक प्रकाश राम भी इनमें शामिल थे.

जेवीएम (पी) के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस संबंध में चुनाव अधिकारियों से राम के वोट को रद्द करने की मांग की. सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने वोटिंग के दौरान उसे पोलिंग एजेंट को नहीं दिखाया था. अधिकारी ने जब उनकी मांग को खारिज कर दिया था. जेवीएम (पी) और कांग्रेस इसके बाद चुनाव आयोग के पास पहुंचे, जिसके कारण मतगणना की प्रक्रिया में दो घटे की देरी हुई.

चुनाव अधिकारियों के ऐलान से पहले साहू ने अपनी हार स्वीकार ली थी. उन्होंने कहा, “मुझे हार स्वीकारनी थी. चूंकि उनके दो वोट रद्द हो गए थे.” भाजपा के समर्थक चिल्लाने और नारेबाजी करने लगे थे. भाजपा के विधायक राधा कृष्ण किशोर ने साहू को इसी दौरान बताया कि नतीजा उनके पक्ष में है.

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