पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 9 स्कूली बच्चों की मौत के आरोपी मनोज बैठा ने आज 28 फरवरी को पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. मनोज बैठा ने मंगलवार की देर रात एक बजे के करीब मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार के सरकारी आवास पर आत्मसर्पण कर दिया. दुर्घटना में आरोपी को भी चोटें आने की बात कह कर उसे श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज से पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया है.
हॉस्पिटल के जनरल वार्ड में भर्ती मनोज बैठा के चेहरे पर चोट के निशान हैं. मीडिर्किमयों द्वारा चोट के संबंध में सवाल पूछे जाने पर वह चुप्पी साधे रहा. यह पूछे जाने पर कि जिस वाहन से बच्चों की मौत हुई, उसे वह खुद शराब पीकर चला रहा था? मनोज ने इशारों में इनकार कर दिया और कहा कि वह शराब नहीं पीता है. तीन दिनों तक फरार रहने और आत्मसमर्पण में देरी पर पूछे गए सवाल का भी उसने कोई जवाब नहीं दिया. हादसे में घायल एक बच्ची के पिता मोहम्मद शाहिद अंसारी ने मनोज बैठा के लिए उम्रकैद की मांग की है. इस हादसे में उनके पांच भतीजे-भतीजियों की भी मौत हो गई थी. शाहिद के मुताबिक घायल बच्ची ने मनोज बैठा द्वारा ही गाड़ी चलाने की बात कही है. गौरतलब है कि मनोज बैठा ने एक बूढ़ी महिला को धक्का मारने के बाद फरार होने के क्रम में सड़क पार करने के लिए किनारे खड़े स्कूली बच्चों को कुचल दिया था.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।