पार्लियामेंट में दलित सांसद को नहीं मिलता पर्याप्त समयः बीजेपी सांसद

बहराइच। दलितों को ना केवल समाज में बल्कि लोकसभा जैसे जगहों पर भी भेदभाव का सामना करना पड़ता है. बीजेपी की दलित महिला सांसद ने कहा कि संसद भवन में दलित सांसद को पूरा समय नहीं मिलता ताकि वह दलित-बहुजन समाज की समस्या का जिक्र कर सकें. अपने ही मोदी सरकार के खिलाफ बीजेपी सांसद एक के बाद एक बयान देकर बीजेपी का पर्दाफाश कर रही हैं.

मंगलवार को बीजेपी की सांसद सावित्री बाई फुले ने बहराइच में कलेक्ट्रेट में धरनास्थल पर कहा कि लोकसभा में अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति, जनजाति, आदिवासी समाज पर चर्चा करने के लिए हम लोगों को बहुत कम समय दिया जाता है. इसलिए बहुजन समाज के सांसद अपनी पूरी बात कह नहीं पाते हैं. नमो बुद्धाय जन सेवा समिति द्वारा आयोजित धरने में आंदोलनकारियों को संबोधित करने के बाद उन्होंने राष्ट्रपति को पंद्रह सूत्री ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप यादव को सौंपा.

सांसद ने धरनास्थल पर अपनी ही बीजेपी सरकार को सवालों के घेरे में लेने लगीं. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की प्रतिमा तोड़ने, भगवा से रंगने वालों की गिरफ्तारी प्रशासनिक अफसरों ने जानबूझकर नहीं की है. इसके लिए सरकार जिम्मेदारी है. सरकार को ऐसे असमाजिक तत्वों पर फौरन कार्रवाई करानी चाहिए ना कि उनको शरण देना चाहिए. इसके अलावा आरक्षण खत्म करने के मनसूबों पर कहा कि वह बहुजन समाज के हितों के लिए खुद को कुर्बान कर देंगी लेकिन हार नहीं मानेंगी.

इसे भी पढें-कर्नाटक में बीजेपी पर मंत्री पद व 200 करोड़ लालच का आरोप

  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://yt.orcsnet.com/#dalit-dastak 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.