आम्बेडकर की शरण में भाजपा

नई दिल्ली। देश की राजनीति में एससी-एसटी समाज के बढ़ते दखल औऱ प्रभाव से डरी भाजपा इस समाज के उद्धारक डॉ. अम्बेडकर की शरण में पहुंच गई है. 2 अप्रैल को समाज के आखिरी छोर पर खड़े लोगों के हुंकार से हिली भाजपा अब तक संभल नहीं पाई है. यही वहज है कि आनन-फानन में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की दिल्ली में बैठक बुलाई है. दो दिवसीय यह बैठक 9 और 10 सितंबर को हो रही है.

इस बैठक में सभी राज्यों के अध्यक्ष रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे. चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले आयोजित इस बैठक में एससी/एसटी एक्ट में संशोधन के बाद जो हालात बने हैं, उस पर चर्चा की जाएगी. भाजपा जहां देश के वंचित तबके को नाराज करने का खतरा नहीं उठाना चाहती है तो वहीं सवर्ण समाज के सड़क पर उतरने से भी भाजपा मुश्किल में है. पार्टी जल्द से जल्द इस मुद्दे को सुलझाना चाहती है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यही कवायद होने की चर्चा है.

हालांकि इस बैठक में सबसे ज्यादा ध्यान खिंचने वाली बात यह रही कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक को दिल्ली स्थित अम्बेडकर इंटरनेशल सेंटर में आयोजित किया गया है. बैठक से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर फूल भी चढ़ाए. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होना इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि भाजपा के पास अपना नवनिर्मित आलीशान कार्यालय है, जहां सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं.

उसे छोड़ कर डॉ. आम्बेडकर से जुड़े संस्थान में बैठक कर भाजपा राजनीतिक तौर पर वंचितों को क्या संदेश देना चाहती है यह तो वही जाने लेकिन इससे जाहिर है कि भाजपा 2019 चुनाव को लेकर बेहद डरी हुई है. और इस डर से निकलने के लिए और वंचित तबके को लुभाने के लिए वह बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर की शरण में है.

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