गुरुग्राम। हरियाणा में बहुजन समाज पार्टी कभी बहुत मजबूत नहीं रही, लेकिन उसका साथ मिलने के बाद इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) मजबूत हो चुकी है. यह ताकत इतनी ज्यादा हो गई है कि इससे भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों में हलचल शुरू हो गई है. यदि बसपा के अधिकतर मत इनेलो को ट्रांसफर हो गए फिर हर सीट पर जोरदार मुकाबला होगा. चाहे लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा का चुनाव.
पिछले विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बाद भी नूंह की तीन में से दो सीटों पर इनेलो ने कब्जा जमाया था. एक सीट पर वह काफी कम अंतर से हार गई थी. गुरुग्राम की चारों सीटों में से गुरुग्राम विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर बाकी तीनों सीट पर इनेलो ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी. लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा उम्मीदवार को 60 हजार से अधिक मत मिले थे, जबकि इनेलो उम्मीदवार दूसरे स्थान पर थे. अब दोनों की ताकत एक हो चुकी है.
राजनीति में जब लोगों को यह पता होता है कि अमूक उम्मीदवार की स्थिति काफी मजबूत है तो काफी मतदाता साथ लग जाते हैं. ऐसी स्थिति में लोकसभा चुनाव के दौरान यह गठबंधन भाजपा एवं कांग्रेस को जबर्दस्त टक्कर दे सकता है. यही बात भाजपा और कांग्रेस दोनों को परेशान किए हुए है.
गठबंधन के बाद इनेलो-बसपा गठबंधन से कार्यकर्ताओं का उत्साह काफी बढ़ गया है और राजनीति में कार्यकर्ताओं का उत्साह बहुत मायने रखता है. अगले लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में गठबंधन के उम्मीदवार बेहतर करेंगे.
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