भारत देश के सभी नागरिको को तो गर्व करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र संघ में केवल दो महामानवों की मूर्तियां लगी हैं और दोनों की दोनों भारतीय महान हस्तियों की हैं, एक भगवान बुद्ध और दूसरी विश्व नेता बाबा साहब अम्बेडकर की. लेकिन अफसोस कि बाबा साहब को मृत्यु के 62 वर्षों बाद अपने ही देश में बार-बार अपमानित होना पड़ रहा है. बाबा साहब की प्रतिमा विश्व के कई देशों में लगी हैं, किन्तु उनकी प्रतिमा तोड़ने की खबर कहीं से आती है तो सिर्फ और सिर्फ उनके अपने देश भारत से.
ताजा मामला देश की राजनीति की सुर्खियों में रहने वाले उत्तर प्रदेश के चर्चित जिले अमेठी का है. यहां तिलोई तहसील के शिवरतनगंज थाना स्थित जियापुर, मौजा-जिजौली में बाबासाहेब की प्रतिमा को तोड़े जाने की खबर है. बीते 26 अगस्त की रात को अराजक तत्वों द्वारा डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ दी गई. दूसरी सुबह लोग अम्बेडकर प्रतिमा टूटी देख भड़क उठे. सूचना पर पहुंची पुलिस ने कठोर कार्रवाई का भरोसा देकर लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया.
स्थानीय पुलिस उक्त मामले की मीडिया से दबाने व पूरे मामले पर पर्दा डालने में जुटी रही. मूर्ति स्थापित करने वाली महिला जब मूर्ति तोड़े जाने की शिकायत करने चौकी प्रभारी इन्हौना के पास गई तो प्रभारी ने तहरीर लेने से मना कर दिया. लेकिन जब केवला देवी व उसके परिवार के डटे रहने और मामला अमेठी के पुलिस अधीक्षक तक पहुंचने के बाद ग्राम प्रधान सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
आरोप है कि जहां अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित थी. बीते रविवार को मौके का फायदा उठाकर प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करके माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई. डॉ.अंबेडकर की प्रतिमा को तीन खंडों में तोड़कर स्थापित स्थान से कुछ दूरी पर फेंक दिया गया. जिसके बाद बवाल बढ़ गया.
केवला देवी की तहरीर पर आधा दर्जन लोगों के खिलाफ प्रतिमा तोड़ने वाली धाराओं 295,147 व SC ST एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. लेकिन बाबासाहेब की प्रतिमा का बार-बार टूटने से समाज के भीतर भी बहुत कुछ टूट रहा है.
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