नई दिल्ली। भारत सरकार ने इंडियन आर्मी को मजबूत बनाने के लिए एक और बड़ा कदम उठाने का फैसला कर लिया है. नये आदेशानुसार आर्मी के वाइस चीफ को ‘वित्तीय फैसले लेने की पूरी ताकत’ दी जाएगी. जिसका मकसद सेना के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराना और किसी भी तरह की जंग के लिए सुरक्षाबलों को हमेशा तैयार रखना है.
बता दें कि इससे पहले, सरकार ने तीनों सेनाओं के लिए गोलाबारूद और अन्य सैन्य उपकरण की इमर्जेंसी खरीद को मंजूरी दी थी. पिछले साल सितंबर में उड़ी में सैन्य ठिकाने पर हुए आतंकी हमले के मद्देनजर यह मंजूरी दी गई थी. अटैक के बाद ही सेना के लिए करीब 20 हजार करोड़ रुपये के कई रक्षा सौदे रूस, इजरायल और फ्रांस के साथ किए गए.
सरकार ने ताजा फैसला ऐसे वक्त में लिया है, जब 13 लाख सैनिकों से लैस इंडियन आर्मी चीन की करतूतों की वजह से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर हाई अलर्ट पर है. दोनों देशों की सेनाएं सिक्किम बॉर्डर के नजदीक बीते कुछ वक्त से आमने-सामने है. वहीं, पाकिस्तान से सटे लाइन ऑफ कंट्रोल पर भी अक्सर सीजफायर उल्लंघन और आतंकी घुसपैठ की घटनाएं होती ही रहती हैं.
सरकार ने आर्मी, नेवी और वायु सेना के उप-प्रमुखों के अंतर्गत रक्षा खरीद से जुड़ी कई कमिटियां बनाई थीं जिसके बाद इन्हें ऑपरेशनल कमियों से निपटने के लिए आकस्मिक वित्तीय शक्तियां दी गई थीं जिसका वित्तीय चीफ जरुरतानुसार उपयोग कर सकते हैं.
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