आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने दिल्ली में फूंका अगस्त क्रांति का बिगुल

नई दिल्ली। पूना पैक्ट में आरक्षित वर्ग को विकास और कार्य के सभी क्षेत्रों में आबादी के अनुसार प्रतिनिधित्व देने का वादा किया गया था. यही समझौता आरक्षित जाति के लोगों का आधार बना. लेकिन आजादी के 70 साल बाद भी इस समाज को आनुपातिक प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है. अपने इस हक की मांग आरक्षण समर्थक वर्ग लगातार करता रहा है. प्रतिनिधित्व और अन्य मांगों को लेकर 6 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर देश भर से आरक्षण समर्थक पहुंचे. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले जंतर मंतर पहुंचे आरक्षण समर्थकों ने इस दौरान विशाल प्रदर्शन किया. समिति ने इसे अगस्त क्रांति सम्मेलन का नाम दिया.

समिति का नेतृत्व आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजी. आर.पी सिंह ने किया. इस दौरान आरक्षण पर बढ़ते खतरे को लेकर लोगों में काफी रोष था. तो दलित समाज पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ भी गुस्सा देखा गया. विरोध प्रदर्शन में आंदोलनकारियों की प्रमुख मांग पदोन्नति में आरक्षण के बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में पास कराने की रही. आरक्षण समर्थकों के दबाव में राज्यसभा में यह बिल पहले ही पारित हो चुका है. और आरक्षण समर्थक लंबे समय से इसे राज्यसभा में पारित करने की मांग कर रहे हैं. इस मौके पर समिति की ओर से सरकार के सामने अपनी पंद्रह सूत्रीय मांगों को भी रखा गया.

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति 2011 से काम कर रही है. आरक्षण विरोधी सरकारों की मंशा पर पानी फेरने और आरक्षण के हक के लिए यह समिति लगातार काम कर रही है.

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