नई दिल्ली। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर रावण की रिहाई को लेकर शुरू हुआ आंदोलन जोर पकड़ने लगा है. विगत 5 दिसंबर को राष्ट्रीय दलित महासभा के संयोजन में शुरू किए गए इस अभियान के तहत अब 5 जनवरी यानि कल संसद मार्ग पर विरोध प्रदर्शन होगा. इस दौरान चंद्रशेखर रावण पर से रासुका हटाने के साथ-साथ भीमा-कोरेगांव की घटना को लेकर भी आक्रोश जाहिर किया जाएगा.
इस मसले पर मिलियन लीडर मार्च के राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय दलित महासभा के संस्थापक अशोक भारती ने एक बयान जारी करके जहां भीमा-कोरेगांव की घटना की निंदा की है. साथ ही इसके खिलाफ पांच जनवरी को संसद मार्ग पर लोगों से इकट्ठा होने का आवाहन किया.
इस बीच भीमा-कोरेगांव का मामला गुरुवार को संसद में भी उठा. कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल ने सदन में यह मुद्दा उठाया. इस दौरान राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने आरोप लगाया कि भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा सरकार के संरक्षण में हुई. फिलहाल कोरेगांव का मुद्दा थमता हुआ नहीं दिख रहा है. 5 जनवरी को अम्बेडकरवादियों के प्रदर्शन के बाद चंद्रशेखर रावण पर से रासुका हटाने और कोरेगांव का मामला और जोर पकड़ सकता है.