धारा 144 को लांघ दलित मृतक के घर पहुंचे जिग्नेश

 

नागोर. दलित अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले बडगाम, गुजरात के निर्दलीय विधायक एवं राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के मुखिया जिग्नेश मेवानी की सभा और रैली को राजस्थान पुलिस द्वारा अनुमति नहीं देने के बाद भी पीड़ित दलित परिवार से मिलने पहुंचे. अलवर इलाके में धारा 144 लगाई गई है फिर भी जिग्नेश मेवानी ने जाकर दलित परिवार के मुलाकात की.

इस दौरान जिग्नेश मेवानी ने मीडिया को बताया  कि भाजपा सरकार दलितों पर अत्याचार करा रही है. और जब दलित विरोध पर उतर रहा है तो पुलिस का डर दिखाकर रोका जा रहा है.

करेड़ा में जिग्नेश की रैली और सभा के लिए बनी आयोजन समिति के सदस्य बाबू लाल चावला ने 04 मई को उपखंड अधिकारी और थानाधिकारी करेड़ा को लिखित आवेदन दे कर 14 मई को करेड़ा के हनुमान दरवाजा पर सभा और बीज गौदाम से सभा स्थल तक रैली की अनुमति मांगी थी. जवाब में पुलिस ने 11 मई को देर शाम को आयोजकों को बताया कि इलाके में शांति भंग की आशंका के चलते जिग्नेश मेवानी की सभा को अनुमति नहीं दी जा सकती है. उधर आयोजन से ठीक पहले इस तरह सभा पर रोक लगाने के राजस्थान पुलिस के नादिरशाही फैसले की जिले के दलित व मानव अधिकार संगठनों ने कड़ी भर्त्सना करते हुए इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला बताया.

सामाजिक कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी ने बताया कि दलित नेता जिग्नेश मेवानी करेड़ा में हो रहे दलित अत्याचार के मामलों के पीड़ितों से मिलने और यहां पर आयोजित सभा को संबोधित करने वाले थे. करेड़ा आने का आह्वान स्वयं जिग्नेश मेवानी का था. हालांकि शांतिपूर्ण सभा होने वाली थी. जिसे बेवजह रोका जा रहा है. आगे बताया कि यह दलित समुदाय के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. जिग्नेश मेवानी की सभाओं को बार-बार रोका जाना एक राजनीतिक षड्यंत्र है. राजस्थान की सरकार मेवानी से डर गई है, इसलिए वह गैरकानूनी तरीके से उनकी सभाओं को रोक रही है. भाजपा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

बता दें कि मेघवंशी ने बताया कि जिग्नेश मेवानी 13 ,14 और 15 मई को राजस्थान के दौरे पर रहेंगे.

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