आदिवासी सेंगेल अभियान और बामसेफ करेंगे भाजपा सरकार के खिलाफ महारैली

Salkhan Murmu

रांची। झारखंड की भाजपा सरकार के खिलाफ आदिवासी सेंगेल अभियान और बैकवर्ड एंड माइनोरिटी कम्युनिटीज इम्प्लाइज फेडरेशन (BAMCEF) महारैली करेंगे. पांच सूत्री मांग आधारित यह महारैली 23 अक्टूबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में होगी. इसमें पांच राज्यों के आदिवासी एवं बामसेफ के लाखों कार्यकर्ता शामिल होंगे.

आदिवासी सेंगेल अभियान के अध्यक्ष और पूर्व सासंद सालखन मुर्मू ने कहा कि झारखंड में आदिवासी का अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी और सरना-ईसाई आदिवासी की एकता खतरे में है. उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से इस अभियान के माध्यम से भूमि अधिग्रहण बिल की वापसी की मांग बुलंद की जाएगी. साथ ही धर्मांतरण बिल 2017 को भी रद्द करने की मांग उठाई जाएगी.

मुर्मू ने कहा कि भाजपा और आरएसएस की सरकार गलत नियम कानून बना कर पूंजीपतियों के लिए आदिवासी और मूलनिवासियों को उजाड़ने पर आमादा है. उन्होंने कहा कि जनगणना फॉर्म में सरना के लिए अलग धर्म कोड बनाने, डोमिसाइल नीति को रद्द करने और विकास के नाम पर आदिवासी-मूलवासी का विस्थापन पलायन बंद करने की मांग महारैली में की जाएगी.

उसालखन मुर्मू ने कहा कि जितने भी आदिवासी नेता विभिन्न पार्टियों में हैं, वे ही आदिवासियों के सबसे बड़े शत्रु हैं. उन्होंने कहा कि मेरी इनसे अपेक्षा है कि मिल बैठकर हर समस्या का हल निकाला लिया जाए. अगर ऐसी नहीं कर सकते तो इस्तीफा देकर सरकार को गिरा दें.

झारखंड सरकार से ये हैं पांच सूत्री मांगें-

* भूमि अधिग्रहण बिल 2017 रद्द किया जाए.

* धर्मांतरण बिल 2017 रद्द किया जाए.

* सरना धर्म को कॉलम कोड प्रदान किया जाए.

* गलत डोमिसाइल नीति रद्द किया जाए.

* विकास के नाम पर आदिवासी मूलवासी का विस्थापन बंद किया जाए.

महारैली में मुख्य अतिथि बामसेफ के अध्यक्ष वामन मेश्राम और विशिष्ट अतिथि मौलाना सज्जाद नोमानी होंगे.

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