करियर की संतुष्टि को आत्महत्या मानते हैं इरफान

नई दिल्‍ली। लीक से हटकर फिल्में करने के लिए मशहूर इरफान खान लगभग 30 वर्षो के करियर के बाद भी अपने करियर से संतुष्ट नहीं हैं. वह कहते हैं कि जिस दिन मैं अपने करियर से संतुष्ट हो गया, वो दिन मेरे लिए आत्महत्या जैसा होगा. इरफान हर फिल्म के साथ दर्शकों को कुछ नया देने की कोशिश करते हैं. इसी कड़ी में उनकी नई फिल्म ‘करीब करीब सिंगल’ में उनकी रोमांटिक साइड खूब भा रही है. इरफान ने आईएएनएस को दिए इंटरव्‍यू में अपने इस रोमांटिक अंदाज के बारे में बताया. उन्होंने कहा, “मैं इमेज में बंधकर नहीं रहना चाहता, जिस दिन लोगों ने मुझे इमेज में बांधना शुरू कर दिया, उस दिन ही मेरे लिए खतरा शुरू हो जाएगा. इसलिए कोशिश होती है कि मैं हर दूसरी फिल्म में अपनी पुरानी इमेज तोड़ दूं.”

‘करीब करीब सिंगल’ सीधे यूथ को टारगेट करती फिल्म है. आज का युवा प्यार ढूंढते-ढूंढते ऑनलाइन पहुंच गया है और यही फिल्म में भी दिखाया गया है. इरफान ऑनलाइन डेटिंग एप के बारे में बताते हैं, “आज के युवाओं के पास कई विकल्प हैं. ऑनलाइन ही कई तरह की वेबसाइट और एप हैं. डेटिंग और वेडिंग एप से बहुत मदद मिल रही है, लोगों की ऑनलाइन शादियां भी हो रही हैं. हमारी फिल्म की कहानी इसी लव ट्रेंड को बयां करती है.” राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता इरफान के लिए इनाम कुछ खास मायने नहीं रखते. वह इनाम की तुलना में दर्शकों की संतुष्टि को तरजीह देते हैं.

इरफान में नीरस और बेदम फिल्म में भी जान फूंकने का हुनर है. वह चाहते हैं कि आज से 30 या 40 साल बाद लोग उन्हें उनके अभिनय की वजह से याद करें. हॉलीवुड में भी अपने काम का डंका बजा चुके इरफान का कहना है, “एक कलाकार के लिए सबसे अधिक मायने यह रखता है कि उसकी कला को पहचान मिले. मैं चाहता हूं कि मुझे लोग मेरे काम की वजह से जानें और इसी कोशिश में ताउम्र काम करता रहूंगा.”

 

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