भोपाल। भोपाल स्थित अरेरा कालोनी क्षेत्र में आदिवासी अंचलों से आए बच्चों के लिए एक हॉस्टल है. 1996 से चल रहे इस हॉस्टल में अब तक 112 बच्चे रह चुके हैं और इस वक्त भी करीब 49 बच्चे इस हॉस्टल का हिस्सा हैं. यहां बच्चों को मुफ्त शिक्षा मुहैया कराई जाती है. इनको राजधानी के अलग-अलग परिवारों ने गोद ले रखा है और वे ही इनकी पूरी पढ़ाई का खर्च उठाते हैं.
यह हॉस्टल भले ही मामूली हो, लेकिन यहां पढ़ने वाले बच्चे साधारण बच्चों से अलग कॉलोनी में सफाई अभियान चलाते हैं और आपात स्थितियों में लोगों की मदद करते हैं। हाल ही में एक मकान में शार्ट सर्किट से लगी आग को होस्टल के इन बच्चों ने ही बुझाया था। इनमें ज्यादातर बच्चे सेवा भारती द्वारा भेल क्षेत्र में संचालित स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं और ये हॉस्टल भी सेवा भारती संस्था से जुड़े जेजी सगदेव की ही देन है, जिसे उन्होने पत्नी के निधन होने पर मकान दान कर शुरू किया था.
कई सामाजिक कार्यकर्ता इस हॉस्टल से जुड़े हुए हैं जिसमें स्टेट बैंक से रिटायर्ड महिला अधिकारी आशा पुणतांबेकर एवं
75 वर्ष की बुजुर्ग महिला आशा मिश्रा, जवाहर विद्यालय की रिटायर्ड प्रिंसिपल सपना सेठी व उनके पति अरुण सेठी, कोचिंग संचालक हिमांशु जोशी के नाम शामिल हैं. इस हॉस्टल से पढ़े छात्र प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में असिस्टेंट इंजीनियर, तहसीलदार, सहायक कलेक्टर व कई अन्य पदों पर पदस्थ हैं।
पीयूष शर्मा
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