नई दिल्ली। एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पर कोर्ट का फैसला आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई में पिछले फैसले को बहाल रखा. कोर्ट ने कहा कि वह अपने फैसले पर कायम है और इस मामले में फिलहाल कोई बहाल नहीं किया जाएगा. खबर यह भी है कि कोर्ट का कहना था कि इस एक्ट के कारण किसी बेगुनाह को सजा नहीं मिलनी चाहिए.
दलित संगठनों और आंदोलनकारियों को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले पर स्टे देने से इंकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की खुली अदालत में सुनवाई करते हुए कहा है कि एससी-एसटी ऐक्ट के प्रॉविजन से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. गौरतलब है कि एससी-एसटी एक्ट पर सरकार ने पुनर्विचार याचिका डाली थी. इससे पहले मामले पर सियासत काफी तेज हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर मामले को देर से उठाने का आरोप लगाया है.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।