नई दिल्ली : जेल होने के बाद भी लालू प्रसाद यादव पर राजनीति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. लालू के बाद अब निशाना लालू को बचाने वालों पर है. इसमें सबसे पहला नाम उत्तर प्रदेश के जालौन के कलैक्टर डा. मन्नान अख्तर का है. जिन्होने लालू प्रसाद यादव का केस देख रहे सीबीआइ के स्पेशल जज शिवपाल सिंह को फोन किया था. शिवपाल सिंह के मुताबिक डीएम डा. मन्नान अख्तर ने उन्हे फोन करके कहा था कि ‘आप लालू का केस देख रहे हैं, जरा देख लीजिएगा.’ इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
शिवपाल सिंह खुद उत्तर प्रदेश स्थित जालौन जिले के शेखपुर खुर्द गांव से हैं. इससे पहले गांव में ज़मीनी विवाद के चलते जज ने डीएम से मदद मांगी थी, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला था. इतना ही नहीं 12 दिसंबर, 2017 को डीएम और एसपी से शिकायत करने पर डीएम ने कहा, ‘आप झारखंड में जज हैं न, आप कानून पढ़कर आएं. उन्होंने यह भी कहा कि वे एसडीएम के आदेश को नहीं मानेंगे.’
बरहाल, जालौन के डीएम डा. मन्नान अख्तर ने जज से लालू प्रसाद यादव की सिफारिश करने की बात से साफ इंकार कर दिया है. उन्होने यह भी बताया कि जिस तारीख पर फोन करने का जिक्र किया गया है, वे उस वक्त छुट्टी पर थे. मीडिया को संबोधित करते हुए मन्नान अख्तर ने साफ किया उन्होंने किसी की सिफारिश नहीं की है.
पीयूष शर्मा
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।